अमेठी:  जनाब! ये राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ-वाराणसी पर स्थित मुंशीगंज तिराहा है, जहा से वीवीआईपी अक्सर गुजरते हैं।
आधा दर्जन से ऊपर सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालय यहीं आस-पास ही हैं। बावजूद इसके सड़क पर महीनों से जलभराव की समस्या बनी हुई है। यही नहीं, सड़क तक कीचड़ फैला हुआ है, लेकिन इस बदहाली पर जिम्मेदार व जनप्रतिनिधि कतई मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं।

मुंशीगंज तिराहा इन दिनों अपनी पहचान खो रहा है। वजह साफ है कि तिराहे पर दूर तक जल भराव है। यही नहीं कीचड़युक्त सड़क मार्ग से गुजरना राहगीरों व छात्र-छात्राओं की मजबूरी बन गई है। लखनऊ-वाराणसी मार्ग के किनारे जलभराव व कीचड़ की समस्या से निजात के लिए ग्रामीणों ने कई बार मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत की है फि र भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। जबकि इसी मार्ग पर राजकीय महाविद्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मंगलमय महिला डिग्री कालेज, सिविल जज कार्यालय, एसडीएम आवास, सीओ कार्यालय, पुलिस फ़ायर ब्रिगेड स्टेशन समेत कई महत्वपूर्ण कार्यालय मौजूद हैं। छात्र-छात्राओं के साथ ही मरीजों व एंबुलेंस आदि का आना-जाना हर समय लगा रहता है। जिससे दुर्घटना की आशका बनी रहती है। बीते सप्ताह कीचड़ में फंसकर एक बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें एक महिला समेत तीन घायल हुए थे। 10 अगस्त को रोडवेज बस व टैंपों में भिडंत होते-होते बची फिर दो साइकिल सवार दुर्घटना में घायल हो गए। अक्सर इस मोड़ पर जलभराव के चलते दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन जलभराव की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। सुबह के वक्त अक्सर बड़े वाहनों के बगल से गुजरने पर स्कूली बच्चों को कीचड़ से लतपथ होना पड़ता है। बीते माह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जलभराव की समस्या अरूण कुमार मिश्र ने एसडीएम गौरीगन्ज के समक्ष उठाई थी। हालाकि अभी इस समस्या की ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं गया। इस बाबत एसडीएम अभय कुमार पाडे कहते हैं कि जलभराव की समस्या के लिए जलनिकासी की व्यवस्था की जायेगी। तभी समस्या दूर होगी

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