फीरोजाबाद: उद्यमी संजीव गुप्ता के अपहरण के दो दिन बीतने के बाद उलझ गई है। पहली बार मांगी गई सौ करोड़ की फिरौती से लेकर नीता पांडे के खिलाफ कराई गई एफआइआर तक हर बात अपहरण की गुत्थी को उलझा रहे हैं।
वहीं लगातार बदल रही लोकेशन भी अपहरणकर्ताओं पर सवाल खड़े कर रही है। इसी बीच संजीव गुप्ता की वापसी की चर्चाओं का बाजार गरमा गया है। परिवार वाले पूरे मामले से अनजान बता रहे हैं तो पुलिस जांच में जुटे होने और हर तरफ नजर रखने की बातें कर रही है। जागरण द्वारा हर घटनाक्रम की पड़ताल की गई तो कई गुत्थियां उलझी हुई नजर आईं।*
 *अपहरण को 72 घंटे बीत चुके हैं*
*रहस्यमय परिस्थितियों में संजीव गुप्ता के गायब होने के बाद अपहरण की सनसनी और उसके लगभग साढे सात घंटे बाद फिरौती का वाट्सएप मैसेज आया। इसमें सौ करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। फिरौती में इतनी बड़ी रकम क्यों मांगी गई। आमतौर पर अपहरणकर्ता रैकी करने के बाद पकड़ करते हैं और हैसियत का अंदाजा भी लगाते है। सौ करोड़ की रकम मांगना किसी के गले नहीं उतर रहा।*
*संजीव गुप्ता की गाड़ी अलीगढ़ के गभाना में जिस जगह से बरामद हुई, उससे टोल प्लाजा महज सौ मीटर दूर है। गाड़ी की तस्वीर के साथ टोल का बोर्ड भी दिख रहा है। आम तौर पर अपहरणकर्ता पकड़ को दूसरी गाड़ी में शिफ्ट करने के बाद ऐसी जगह छोड़ते हैं, जहां आसानी से मिले। गाड़ी हाईवे पर क्यों छोड़ी गई ?*
*संजीव की गाड़ी लग्जरी गाड़ी की श्रेणी में आती है। इन गाड़ियों में ट्यूबलैस टायर होते हैं। यदि टायर पंक्चर हो जाए तो रनिंग कंडीशन में आमतौर पर हवा नहीं निकलती। ऐसे स्थिति में सवाल यह है कि यदि गाड़ी पंक्चर हुई तो कहीं न कहीं रुकी होगी। पकड़ को लेकर भागने वाले बदमाश गाड़ी क्यों रोकते ?*
*फिरौती का मैसेज पत्नी के मोबाइल पर आना आम बात है, मगर यह मैसेज दूसरों को भी ब्रॉडकास्ट क्यों किया गया ? संजीव गुप्ता के मोबाइल में जितने नंबर थे, सभी के वाट्सएप पर यह मैसेज भेजा, इसके पीछे की वजह पुलिस नहीं समझ पा रही है ? अपहरण की वारदात में इस तरह की घटना पहले नहीं सुनी गई।*
*संजीव की पत्नी सारिका ने गुमशुदगी की पहली तहरीर दी थी। सोमवार को अचानक पति के खिलाफ मुकदमा कराने वाली महिला नीता पांडे, उनके सरकारी कर्मचारी पति और अन्य के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। इससे मामला पेशबंदी की तरफ मुड़ता दिख रहा है।*
*बदलती लोकेशन भी खड़े कर रही सवाल:* *संजीव गुप्ता के मोबाइल की लोकेश अपहरणकर्ताओं के तरीके पर सवाल खड़े कर रही है। गायब होने के लगभग डेढ घंटे बाद की लोकेशन अवागढ़ में आई। इसके बाद रात लगभग डेढ बजे मोबाइल दिल्ली - नोएडा के बीच पाया गया। रविवार रात यह चड़ीगढ की थी तो सोमवार दोपहर लोकेशन जम्मू कश्मीर की बताई जा रही है। आखिर ऐसा क्या है कि अपहरणकर्ता पकड़ को लेकर इतनी लंबी दूरी लगातार तय कर रहे हैं, जबकि ऐसे में पकड़े जाने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।*
*मुझे फंसाने की धमकी दी थी संजीव ने:* *अपहरण की आरोपी बनाई गई सुहानगर निवासी नीता पांडे का कहना है कि संजीव के खिलाफ मैंने सूदखोरी और धमकी का मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराया था। इसमें पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की। कुछ दिन पहले संजीव मुझे मिला था और कहा था कि तुझे ऐसा फंसाऊंगा कि कहीं मुंह नहीं दिखा पाएगी। मेरे और मेरे पति के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है। हम घर पर ही हैं।*
*रिश्तेदार पर भी दर्ज कराया मुकदमा:*  *संजीव की पत्नी सारिका द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में सुहागनगर निवासी अमित गुप्ता पुत्र महेश गुप्ता को भी नामजद किया गया है। संजीव की पत्नी सारिका भी फीरोजाबाद की रहने वाली है। रिश्ते में सारिका, अमित की बुआ है। बताया जा रहा है कि अमित पहले संजीव के साथ मिलकर बीसी चलाता था। इसके बाद साथ छूट गया और अमित ने अपना अलग काम शुरू कर दिया।*

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