अशोक श्रीवास्तव अमेठी          

    अमेठी - सरकार के लाख प्रयास के बाद भी कि सरकारी कर्मचारी जनता की समस्या को बिना किसी भेद भाव व निष्पक्ष निस्तारण करे लेकिन कर्मचारी मनमाने ढंग से ही निस्तारण कर सरकार को बदनाम करने में लगे हैं.


ताजा मामला अमेठी जिले के सन्ग्रामपुर ब्लाक अंतर्गत गाँव मड़ौली का है.  उक्त गाँव निवासी चंद्रप्रकाश पाडेय के पिता विनय कुमार व माता सुनीता देवी का कुछ समय पूर्व स्वर्गवास हो चुका है. मौजूदा समय में चन्द्र प्रकाश इंटर का छात्र है और अपने ननिहाल में रहकर पढाई कर रहा है. शासन कि ओर से दिये जाने छात्रवृत्ति के लिये उसने आवेदन किया जिसमे उसे आय प्रमाणपत्र सन्लग्न करना था.

बेसहारा छात्र ने आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील में आवेदन किया था। इस पर गाव के लेखपाल की ओर से बेसहारा नाबालिग चंद्रप्रकाश की मासिक आय चार हजार रुपये और वार्षिक आय अड़तालीस हजार रुपये की रिपोर्ट लगा दी जबकि नाबालिग की आय का स्रोत वर्तमान में शून्य है। आय प्रमाणपत्र पाने के बाद जब उसने  प्रमाणपत्र को गौर से पढ़ा तो उसे इस गलती का पता चला .उसने इसकी शिकायत तहसीलदार अमेठी से किया .

तहसीलदार महेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत संज्ञान में है। मामले की जाच कराकर जिम्मेदार कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

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