सर्वोच्च न्यायालय ने 2016 में केरल में एक हिंदू लड़की के धर्मातरण और शादी की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने का आज बुधवार को आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिृवत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.वी. रविंद्रन जांच की निगरानी करेंगे। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली पीठ ने मामले में जांच का आदेश देते हुए अंतिम फैसला लेने से पहले अदालत में लड़की की पेशी की आवश्यकता बताई। पीठ ने कहा कि अदालत एनआईए, केरल सरकार और अन्य सभी से इस मामले में विवरण लेने के बाद ही फैसला लेगी। अदालत ने यह आदेश याचिकाकर्ता शफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल के यह कहने के बाद दिया कि अदालत को लड़की से बात करने के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए।
केरल उच्च न्यायालय ने धर्म परिवर्तन करने वाली लड़की की जहां से शादी रद्द कर दी थी। याचिकाकर्ता जहां ने उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी है। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने पीठ से कहा कि यह अंतर-धार्मिक मामला है, इसलिए अदालत को इसमें सावधानी बरतनी चाहिए।

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