हरियाणा. हरियाणा में विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल जाट समेत
सभी 6 जातियां अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में
आरक्षण का लाभ ले सकेंगी। राज्य सरकार ने इस
संबंध में सभी मंडल आयुक्त, जिला उपायुक्त और
एसडीएम आदि के दिशा-निर्देश जारी कर
दिए हैं। विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) के
तहत दिए 10% आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में
विचाराधीन है। कोर्ट ने इस पर स्टे लगा रखा है, लेकिन
आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर कोई रोक
नहीं है।
इसलिए यह रास्ता निकाला गया है। फरवरी 2016 में
हिंसक आंदोलन के बाद सरकार ने जाट, त्यागी, रोड़,
बिश्नोई, जट सिख, मुल्ला जाट जातियों को
एसबीसी के तहत आरक्षण दिया था,
लेकिन कोर्ट की रोक के चलते इन्हें इसका लाभ
नहीं मिल पा रहा है। अब सरकारी, अर्द्ध
सरकारी, शहरी स्थानीय निकाय
और राजकीय उपक्रमों में निकलने वाली
नौकरियों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों में भी
आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के तहत नियमानुसार आरक्षण का लाभ
दिया जा सकेगा।
आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए परिवार की आय
सालाना 2.5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी
चाहिए। आय प्रमाण पत्र के आधार पर किसी जाति या
वर्ग के लोगों को हरियाणा में 10% कोटा हासिल है। चीफ
सेक्रेटरी की ओर से जारी
परिपत्र के मुताबिक जाट, बिश्नोई, जट सिख, रोड, त्यागी
और मुस्लिम जाट समुदाय के लोगों को भी अब आर्थिक
पिछड़ा वर्ग के प्रमाण-पत्र जारी किए जा सकेंगे।
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