मुंबई, 29 जून :भाषा: सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा गैर निष्पादित
आस्तियों :एनपीए: से निपटने के लिए किए जा रहे समन्वित प्रयासों के बीच
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: के चेयरमैन अजय त्यागी ने
म्यूचुअल फंड कंपनियों का आगाह किया कि वे यह सुनिश्चत करें कि ऋण कोष के
रूप में डूबा कर्ज उद्योग में न आने पाए।
एसोसिएशन आफ
म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के एक कार्यक््रम में त्यागी ने कहा कि बैंकिंग
प्रणाली का एनपीए, ऋण कोष के रूप में म्यूचुअल फंडों को स्थानांतरित नहीं
होना चाहिए। उद्योग को इस बारे में सावधान रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि गैर निष्पादित आस्तियां
ऋण स्थानांतरण के रूप में एमएफ पोर्टफोलियो में न आने पाएं। इसके अलावा
सेबी प्रमुख ने म्यूचुअल फंड कंपनियों से अपनी जांच पड़ताल की प्रक््िरया
को मजबूत करने को कहा जिससे इसके लिए क््रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर उनकी
निर्भरता कम हो सके।
उन्होंने कहा कि ऋण पोर्टफोलियो के
डिफॉल्ट के उदाहरण हैं। ऐसे में स्वाभाविक रूप से म्यूचुअल फंड कंपनियों को
अपनी जांच पड़ताल और आकलन के प्रक््िरया को मजबूत करने की जरूरत है।
उन्हें सिर्फ क््रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
सेबी प्रमुख ने एकीकरण की वकालत करते हुए कहा कि 45 म्यूचुअल फंड
कंपनियां 2,000 से अधिक उत्पाद बेच रही हैं। ऐसे में निश्चित रूप से कुछ
एकीकरण की जरूरत है।
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