राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (नीट) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में वादी एक दलित लड़की जो मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की आकांक्षी थी, उसकी मौत के बाद आज दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहे।

पुलिस ने बताया कि तमिल समर्थक संगठन ‘मई 17 मूवमेंट’ के कार्यकर्ताओं ने यहां भाजपा के मुख्यालय में घुसने का प्रयास किया था जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

प्रदर्शनकारियों ने दिहाड़ी श्रमिक की बेटी 17 वर्षीय अनीता की आत्महत्या की घटना पर केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ नारे लगाए। अनीता कथित रूप से एमबीबीएस सीट नहीं मिलने के कारण व्यथित थी और इसलिए उसने एक सितंबर को अरियालुर जिले में अपने घर में कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

यहां भाजपा कार्यालय में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

दलित समर्थक संगठन विदुथलाई चिरूथैगल कात्षी (वीसीके) ने भी यहां प्रदर्शन किया जिसके बाद संगठन के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।

अनित कथित रूप से इस बात से निराश थी कि तमिलनाडु को नीट के दायरे से छूट हासिल नहीं है। उसने नीट के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था।

विपक्षी द्रमुक ने भाजपा और राज्य में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की भी आलोचना की और कहा कि दोनों पार्टियां राज्य को नीट के दायरे से कम से कम एक वर्ष तक बाहर रखने में वे असफल रही हैं।

द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एमके स्टालीन ने कल देर रात अनीता को उनके पैतृक गांव में श्रद्धांजलि दी। स्टालीन ने कहा कि उनकी पार्टी ने अनीता के परिवार को 10 लाख रूपये का दान दिया है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालीन ने कहा कि नीट ने तमिलनाडु में सामाजिक न्याय को प्रभावित किया है। उन्होंने आश्वासन दिन कि उनकी पार्टी नीट के खिलाफ लड़ाई को आगे लेकर जाएगी।

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