नयी दिल्ली, 18 जून :भाषा: नीति आयोग ने कहा है कि अच्छा प्रदर्शन
करने वाले केंद्र के वि}ा पोषण वाले शैक्षिक संस्थानों को और अधिक पैसा तथा
संचालनात्मक स्वाय}ाा मिलेगी। नीति आयोग को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में
सुधारों का सुझाव देने का काम सौंपा गया था।
नीति आयोग के
सदस्य वी के सारस्वत ने कहा कि सरकार Þ Þबेहतर प्रदर्शन ना करने वाले Þ
उच्च शैक्षिक संस्थानों पर करीबी नजर रखेगी और अगर एक अवधि तक अकादमिक
प्रदर्शन के तौर पर उनकी रैंकिंग में सुधार नहीं आया तो उन्हें दिए जाने
वाले वि}ाीय सहयोग की समीक्षा की जाएगी।
सारस्वत ने कहा, उच्च शिक्षा का फोकस अब गुणव}ाा पर है। आयोग ने कहा है कि शैक्षिक
संस्थानों का मूल्यांकन उनके नतीजों के आधार पर किया जाएगा जैसे कि किसी
शैक्षिक संस्थान ने गुणव}ाा के किस स्तर को हासिल किया है, एक संस्थान ने
कितने पीएचडी शोधार्थी दिए हैं। Þ Þ
पूर्व डीआरडीओ प्रमुख सारस्वत ने कहा कि सरकार की शैक्षिक संस्थानों
के लिए तीन स्तरीय स्वाय}ा तंत्र पेश करने की योजना है।
उन्होंने कहा, बेहतर प्रदर्शन करने वाले शैक्षिक संस्थानों को अधिक
संचालनात्मक स्वाय}ाा और वि}ाीय सहयोग मिलेगा। मान लीजिए की अगर वे नये शोध
केंद्र खोलने चाहते हैं तो सरकार वि}ाीय सहयोग उपलब्ध कराएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने आयोग को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
के लिए एक खाका तैयार करने का काम दिया था।
भारत शोध और विकास पर अपनी जीडीपी का करीब एक फीसदी खर्च करता है।
वि}ा मंत्री अरण जेटली ने वैज्ञानिक मंत्रालयों के लिए 2017-18 बजट में 37,435 करोड़ रपये आवंटित किए थे।
जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि 1000 करोड़ रपये की शुरआती पूंजी के साथ उच्च शिक्षा वि}ा एजेंसी स्थापित की जाएगी।
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» अकादमिक प्रदर्शन के आधार पर शैक्षिक संस्थानों को दी जाएगी स्वायत्ता : नीति आयोग
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