मथुरा :भाषाः उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 26 साल पहले एक गांव में दो पक्षों में हुए विवाद में एक पुरुष व एक महिला की हत्या के मामलों में फैसला सुनाते हुए दोनों ओर के दो-दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

न्यायाधीश ने दोनों ही मामलों में दोषसिद्ध अपराधियों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और पीड़ित पक्षों को क्षतिपूर्ति के रूप में दो-दो लाख रुपए का भुगतान किए जाने का भी आदेश दिया।

अभियोजन पक्ष के सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रवीण कुमार सिंह ने बताया, ‘6 जून 1991 को जनपद के मांट थाना क्षेत्र के गांव केशोपुर में दो पक्षों में विवाद हो गया था। जिसमें एक पक्ष के युवक बसंता तथा दूसरे पक्ष की कैलादेवी नाम की महिला की हत्या हो गई थी।’ उन्होंने बताया, ‘प्रथम पक्ष ने ऋषि कुमार तथा उसके दो चाचा सियाराम व शिवदत्त के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जबकि दूसरे पक्ष ने 15 लोगों को नामजद किया था। मामले की सुनवाई जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश विवेकानन्द शरण त्रिपाठी की अदालत में हुई।’ शुक्रवार को अदालत ने दोनों ही मामलों में अपना निर्णय सुनाया। बसंता के कत्ल के आरोप में अदालत ने सियाराम व शिवदत्त को आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई तथा कैलादेवी की हत्या मामले में बाबूलाल व नेमसिंह को भी यही सजा सुनाई।

सिंह ने बताया, ‘पहले मामले में तीसरे आरोपी ऋषि कुमार की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई। दूसरे मामले में ट्रायल के दौरान ही पांच आरोपियों की मौत हो चुकी थी तथा शेष 10 में से 8 को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।’

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