खतौली में हादसे का शिकार होने से बची गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस, मची चीख-पुकार
खतौली में उत्कल हादसे के बाद कॉशन लगा ट्रैक अभी तक पूरी तरह सही नहीं हो पाया है। बृहस्पतिवार को अमृतसर से मुंबई जा रही गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस ट्रैक के पत्थर निकलने से थोड़ा लड़खड़ा गई तो यात्रियों की चीख निकल गई। हालांकि ट्रेन की गति धीमी होने के चलते कोई हादसा नहीं हुआ। यात्रियों की सूचना के बाद सिटी स्टेशन से मुजफ्फरनगर स्टेशन को जानकारी दी गई। इसके बाद गैंग को भेजकर ट्रैक को दिखवाया गया।
उत्कल हादसे के बाद ट्रैक की मरम्मत करके इस पर 10 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति का कॉशन लगाया गया है। ट्रैक के पक्के होने तक ट्रेनों और मालगाड़ी को अलग-अलग गति से निकाला जा रहा है। बृहस्पतिवार को गोल्डन टेंपल तड़के करीब पौने पांच बजे जब इस ट्रैक से गुजरी तो उसके कुछ कोच अचानक लड़खड़ाने लगे। सूत्रों के मुताबिक एक जगह ट्रैक के नीचे से पत्थर हटने से पटरी के जंप लेने पर ऐसा हुआ था। सिटी स्टेशन पर पहुंची ट्रेन के यात्रियों ने मामले की जानकारी यहां दी तो यहां से इसकी जानकारी मुजफ्फरनगर स्टेशन को दे दी गई। इसके बाद पहुंचे गैंगमैन ने ट्रैक को दुरुस्त कर दिया। हालांकि इस बारे में स्टेशन अधीक्षक आरपी शर्मा ने मामले से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि वे उस समय यहां नहीं थे। मामले का पता करके जानकारी दी जाएगी।
बुधवार देर शाम हींड रेलवे स्टेशन के निकट बनाए गए अंडरपास बी-अप के दोनों ओर भारी वर्षा के कारण मिट्टी कटान हो गया। जिससे रेलवे लाइन की बाईं ओर की लगभग आधा मीटर दूरी की लाइन के नीचे की मिट्टी धंस गई। गांव धनेना की ओर जा रहे ग्रामीणों ने मिट्टी कटान और रेलवे लाइन के नीचे मिट्टी न होने से पटरी खाली होने की सूचना थानाभवन रेलवे स्टेशन मास्टर रामपाल सिंह को दी। कर्मचारियों ने घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद कर्मचारियों के साथ पहुंचे सेक्शन इंजीनियर ने प्लास्टिक के कट्टों में भरी मिट्टी डलवाकर कटान रुकवाया। रेलवे लाइन किनारे पत्थर आदि डाले गए।
जगत कॉलोनी के सामने जिस जगह कलिंग उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसा हुआ था। उससे मात्र डेढ़ किलोमीटर मुजफ्फरनगर की ओर गंगनहर का रेलवे लोहे का पुल है। इस पुल पर भी कई बार रेलवे ट्रैक के नट-बोल्ट ढीले हो चुके हैं। रेलवे पुल के पास बृहस्पतिवार को रेलवे ट्रैक के पेंड्रोल निकले मिले। दो-तीन पेंड्रोल गायब भी हैं। पेट्रोलिंग करने वाले कर्मचारियों को भी इसका पता नहीं चल सका है। इसके बावजूद रेलवे ट्रैक से धड़ाधड़ ट्रेनें गुजर रही हैं। सवाल यह उठता है कि शनिवार को इतना जबरदस्त ट्रेन हादसा हुआ, इसके बावजूद रेलवे विभाग ट्रैक की सुरक्षा को लेकर सबक नहीं ले सका है, जबकि ट्रेन हादसा भी ट्रैक कर्मचारियों की लापरवाही से हुआ था। उधर, देवबंद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक की पटरियों में लगे पेंड्रोल क्लिप दर्जनभर जगहों से निकले मिले। लेकिन कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है। बृहस्पतिवार को रेल पटरियों से पेंड्रोल क्लिप निकले होने की सूचना मिलते ही मीडिया का रेलवे स्टेशन पर जमावड़ा लग गया। देखने में आया कि प्लेटफार्म नंबर एक की रेल पटरियों में दर्जनभर स्थानों से पेंड्रोल क्लिप गायब हैं। जबकि दर्जनभर से अधिक रेल गाड़ियां इस पटरी से होकर गुजर चुकी है, लेकिन निकले पड़े पेंड्रोल क्लिप की कोई सुध लेने वाला नहीं है।
0 comments:
Post a Comment