रिपोर्ट चन्द्र मोहन मिश्रा अमेठी

सिंहपुर : सूबे की सरकार ने सड़कों को गढ्डा मुक्त बनाने की लाख कोशिश की हो, लेकिन महकमें की खाऊ कमाऊ नीति के चलते यह दावा महज खोखला साबित हुआ। यह बात दीगर है कि पैचिंग के नाम पर जिम्मेदारों ने मानक को दर किनार कर काम करा करोड़ों की रकम ठिकाने लगाने में देर नहीं की। हाल यह है कि जिन गढ्डों की पैचिंग करने का दावा किया जा रहा है। बरसात के बाद ये गढ्डे फिर से राहगीरों को चोटहिल करने को बेताब हैं.

सड़कों के गढ्डा मुक्त होने का सरकारी फ रमान सुन यह आस जगी थी कि अब राहगीरों के लिए आवागमन सुगम हो सकेगा, लेकिन यहा शासन का आदेश महकमें की कमाई का जरिया बन गया और सड़के जस की तस ही रही। आलम यह रहा कि निर्धारित मानक को ताक पर रख कर की गई गढ्डों की पैचिंग भ्रष्टाचार की बारिश में बह गई। लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों को गढ्डा मुक्त किए जाने के तमाम दावे जमीनी हकीकत से बिल्कुल भी मेल नहीं खा रहे। बुधवार को दैनिक जागरण टीम की पड़ताल में विभागीय दावों की पोल खुलती नजर आई। आलम यह है कि मानक को नजर अंदाज कर की गई पैचिंग के नाम पर करोड़ों रुपए की सरकारी रकम का बंदरबांट कर लिया गया। जिसके चलते आज भी सड़के गढ्डा मुक्त होने की राह देख रही हैं।

-ये सड़के हुई थी गढ्डा मुक्त

सेमरौता-कठौरा मार्ग, तिलोई-इन्हौना मार्ग, महराजगंज-इन्हौना मार्ग, सेमरौता-हैदरगढ़ मार्ग, तिलोई-सिंहपुर सहित अन्य मार्गों को गढ्डा मुक्त करने की बात कही गई। वहीं मामूली बरसात में ही गायब हुई मानक हीन पैचिंग विभागीय कार गुजारियों की कलई खोल रही है।

बोले जिम्मेदार

इस संबंध में पीडब्लूडी निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता राकेश कुमार ने बताया कि बरसात के चलते सड़कों को किया गया गडढा मुक्त खराब हो गया है। धन मिलने के बाद जल्द ही बनवाया जाएगा।

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