इलाहाबाद। साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा विवादों में फंसे चौदह बाबाओं को फर्जी करार देने के फैसले पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है। परिषद द्वारा फर्जी करार दिए गए बाबाओं के बाद अब इलाहाबाद की महिला संत साध्वी त्रिकाल भवंता ने भी इस फैसले का पुरजोर विरोध किया है।
उन्होंने धर्म के रक्षक कहे जाने वाले अखाड़ों पर बेहद गंभीर व सनसनीखेज आरोप लगाते हुए सरकार से जांच की मांग की है। खुद को महिलाओं के परी अखाड़े का प्रमुख बताने वाली साध्वी त्रिकाल भवंता का साफ़ आरोप है कि अखाड़ों में धर्म का कोई काम नहीं होता, बल्कि ये अखाड़े नशे का अड्डा होते हैं।
अखाड़ों में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी ड्रग्स व शराब के नशे का आदी बनाया जाता है। उन्होंने सरकार से सभी अखाड़ों की संपत्ति, उनके आश्रमों व इनसे जुड़े बाबाओं की गहराई से जांच कराए जाने की मांग की है।
उज्जैन और नासिक के कुंभ में खुद को शंकराचार्य बताकर शाही स्नान की अनुमति की मांग को लेकर हंगामा खड़ा करने वाली त्रिकाल भवंता ने बृहस्पतिवार को इलाहाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अखाड़ा परिषद बिना किसी अधिकार के ही हिन्दू धर्म का ठेकेदार बन रहा है। परिषद सिर्फ कुंभ मेलों में अखाड़ों की व्यवस्था देखने के लिए है और उसे किसी को भी फर्जी करार देने का कोई अधिकार नहीं है।
उनके मुताबिक़ अखाड़ा परिषद मनमानी कर रहा है और उस पर अंकुश लगाए जाने की जरूरत आ गई है। उन्होंने परिषद के इस फैसले को अदालत में चुनौती देने की भी बात कही है। वैसे चर्चा यह है कि विवादित साध्वी त्रिकाल भवंता ने अगली सूची में खुद का नाम डाले जाने से आशंकित होकर अखाड़ा परिषद के खिलाफ पहले ही मोर्चा खोल दिया है।

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