देश की आधी आबादी होने के बावजूद महिलाएं वंचित तबके में ही शुमार हो रही हैं। इसी के मद्देनजर केंद्र की मोदी सरकार अकेली महिलाओं के लिए इनकम टैक्स की दर कम करने, आधार से जुड़े हेल्थ कार्ड बनाकर मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा देने पर विचार कर रही हैइसके साथ ही, सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए कैशलेस मेडिकल सर्विस मुहैया कराने की योजना पर भी काम कर रही है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में एक मंत्री समूह ने महिलाओं के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाई है जिसे जल्द ही सार्वजनिक किए जाने की संभावना है। इस नीति में अकेले जीवनयापन करनेवाली महिलाओं की आमदनी पर कम टैक्स लगाने का प्रस्ताव है क्योंकि मंत्री समूह ने महसूस किया कि ऐसी महिलाओं की तादाद बढ़ रही है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2001 से 2011 के बीच इस कैटिगरी के महिलाओं की तादाद में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

प्रस्तावित राष्ट्रीय महिला नीति में माहवारी के दौरान साफ-सफाई के लिए जरूरी वस्तुओं पर टैक्स खत्म करने की भी बात कही गई है ताकि ये उत्पाद कम दाम पर आसानी से उपलब्ध हों। इसमें महिलाओं के लिए ज्यादा सार्वजनिक शौचालय बनाने पर भी बल दिया गया है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इस नीति में लैंगिक हिंसा की शिकार महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा और कानूनी सहायता दिए जाने के साथ-साथ उन्हें आश्रय प्रदान कर उनकी काउंसलिंग किए जाने की भी व्यवस्था प्रस्तावित है।

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