नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) नीति आयोग के एक पत्र के अनुसार 14वें वित्त
आयोग के आवंटन के बाद राज्यों ने सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय बढ़ा
दिया है और अब वे सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का पहले से उंचा
हिस्सा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा पर कर रही हैं।
इसके अनुसार केंद्र ने 2015-16 में 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को
स्वीकार किया और इसके अनुसार केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 32
प्रतिशत से बढाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया गया।
पत्र के अनुसार
आशंका थी कि राज्य अपने सामाजिक क्षेत्र व्यय में कटौती कर सकते हैं। लेकिन
इसके विपरीत कुछ अपवादों को छोड़ दें तो सभी राज्यों के जीएसडीपी के
प्रतिशत के रूप में सामाजिक क्षेत्र व्यय में वृद्धि दर्ज की गई।
वर्ष 2015-16 में इस लिहाज से मणिपुर, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु इसका अपवाद रहा।
नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लिखित
इस पत्र के अनुसार पूर्व वित्त वर्ष की तुलना में 2015-16 में निरपेक्ष
आधार पर सभी राज्यों में सामाजिक क्षेत्र व्यय में वृद्धि दर्ज की गई।
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