जयपुर। जयपुरिया अस्पताल में शुक्रवार देर रात सभी मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रखकर प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को बिना भर्ती किए ही बाहर निकाल दिया गया। तड़पती महिला परिजनों के सहयोग से बाहर निकल ही रही थी कि बाहर सड़क पर ही उसने शिशु को जन्म दे दिया।
शहर के प्रमुख और मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दर्जा पा चुके इस अस्पताल में यह घटना होने के बाद हंगामा खड़ा हो गया। परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि लेबर रूम के स्टाफ ने यह कहकर बाहर निकाल दिया कि महिला को आज प्रसव नहीं होगा। कल लेकर आना। प्रसव के बाद परिजन महिला को लेकर 108 एंबूलेंस से अन्य अस्पताल लेकर चले गए। महिला सांगानेर निवासी और मूलत: अलवर निवासी नीतू है।
इससे पहले सड़क पर महिला का प्रसव देख वहां भारी भीड़ एकत्रित हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को नियंत्रण में किया। लोगों ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद तो अस्पताल प्रशासन भी बाहर आ गया।
इमरजेंसी की फिर खुली पोल
जयपुरिया अस्पताल की इमरजेंसी में अपर्याप्त सुविधाआें और ज्यादातर मामलों को एसएमएस, महिला और जनाना रैफर किए जाने के कई बार आरोप लगते रहे हैं। इस मामले ने एक बार फिर यहां की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है।
पुलिस पर धमकाने का आरोप
मौके पर मौजूद लोगों का आरोप था कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को दबाने के लिए पुलिसकर्मी महिला की मदद को जुटे लोगों को धमकाने लगे। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि परिजन महिला को सुबह आउटडोर में भी अस्पताल लेकर आए थे। अस्पताल प्रवक्ता डॉ.राजीव शर्मा ने कहा कि वे अभी जयपुर से बाहर हैं। मामले की जानकारी उन्हें मिली है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन की ओर से पूरे मामले की जांच के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है

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