उत्तर प्रदेश। केंद्र सरकार की तर्ज पर यूपी सरकार ने भी समूह-ख, ग और घ कर्मचारियों की भर्ती में इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म करने का फैसला किया है। अब समूह-ख श्रेणी के अराजपत्रित कर्मचारियों, समूह-ग और घ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती पूरी तरह से लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई।

सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कैबिनेट फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के समय कहा था कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार को कम करने और पारदर्शिता के लिए कर्मचारियों की भर्ती में इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। उनके इस फैसले का व्यापक स्वागत हुआ था। 29 दिंसबर 2015 को केंद्र सरकार ने यह फैसला किया था। भाजपा के विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र में भी यह वायदा किया गया था।

श्री सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की तर्ज पर यूपी सरकार ने भी समूह-ख, ग और घ श्रेणी के पदों पर कर्मचारियों की भर्ती में इंटरव्यू व्यवस्था खत्म करने का फैसला किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नई व्यवस्था नियमावली जारी होने की तारीख से लागू की जाएगी। नियमावली जारी होने की तारीख को या उसके बाद जारी होने वाले विज्ञापनों के पदों परभर्ती नई व्यवस्था के अनुसार की जाएगी। जबकि नियमावली जारी होने से पहले जारी विज्ञापनों के तहत जो भर्ती प्रक्रिया पहले से तय है, उसी आधार पर भर्ती की जाएगी। इससे भर्ती में किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं होगा।

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