जालौन, ग्राम शंकरपुर में प्रेमिका के घर एक कमरे
में शारीरिक संबंध बनाने के दौरान प्रेमिका के भाई
ने जैसे ही उक्त नजारा देखा तो उन्होंने
तैश में आकर न केवल अपनी बहिन के
शरीर पर ताबड़तोड़ तरीके से चाकू
से प्रहार कर उसकी नृशंस हत्या कर
शव को गांव के बाहर खेत में फेंक दिया| भाईयों ने बहिन
के प्रेमी पर भी चाकुओं से
प्रहार कर उसकी हत्या करने का प्रयास
किया लेकिन वह लहुलुहान अवस्था में
अपनी जान बचाकर शंकरपुर पुलिस
चौकी पहुंच गया, जहां उसने पुलिस को
सारी कहानी बयां
की। प्रातः गांव के बाहर पुलिस ने
शादीशुदा युवती का शव बरामद कर
लिया जबकि घायल प्रेमी को उपचार के लिये
कुठौंद के अस्पताल में भर्ती कराया जहां से
उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया। उक्त घटना को
अंजाम देने के बाद दोनों भाई फरार बताये जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम
शंकरपुर निवासी शीला का
किसी बात को लेकर अपनी
ससुरालीजनों से विवाद चलता था, जिससे वह
अपने पिता के घर रहती थी।
इसी दौरान उसकी मुलाकात जालौन
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कुंवरपुरा
निवासी ज्ञान सिंह पुत्र नंदकिशोर से
हुयी तो दोनों के बीच प्रेम के
बीज अंकुरित हो गये, फिर ज्ञान सिंह
अक्सर ही अपनी प्रेमिका
शीला से मिलने उसके गांव शंकरपुर आने जाने
लगा।
बताया जाता है कि प्रेमिका शीला के पिता
की मौत हो चुकी है और
उसके घर में मां व एक भाई रहता है जबकि एक भाई
बंबई में मेहनत मजदूरी करता है। ज्ञान
सिंह का इस तरह से घर आना उसके भाई को कतई रास
नहीं आता है लेकिन शीला
की मां व बहिन एकराय हो जाते थे, जिससे
उसका भाई चाहकर भी इसका विरोध
नहीं कर पाता था। विगत दिवस ज्ञान सिंह
मोटर साइकिल से जब अपनी प्रेमिका
शीला से मिलने शंकरपुर पहुंचा और उसे
खर्च करने के लिये रुपये दिये। इस बात की
जानकारी जैसे ही
शीला के भाई वीरसिंह ने उक्त
मामले की जानकारी मुंबई में
रहने वाले अपने भाई कोमल को दे दी तो
वह भी मुंबई से चलकर बुधवार को गांव आ
गया। उस दौरान तक ज्ञान सिंह को इस बात का तनिक
भी आभास नहीं हुआ कि
उसके साथ भी किसी तरह
की अनहोनी घटना घटित हो
सकती हैं। देर शाम परिवार के लोगों ने खाना
खाया और सोने के लिये अपने-अपने कमरों में चले गये।
इसी दौरान देर रात शीला अपने
प्रेमी से मिलने जिस कमरे में वह लेटा था
वहां पहुंच गयी और फिर दोनों प्रेमालाप में
लीन हो गये।
इसी दौरान वीर सिंह व कोमल जो
इसी बात का इंतजार कर रहे थे वह अपने
हाथों में चाकू लेकर जैसे ही ज्ञान सिंह
के कमरे में पहुंचे तो वहां पर उन्होंने
अपनी बहिन को ज्ञान सिंह के साथ
आपत्तिजनक स्थिति में देख आग बबूला हो गये और फिर
दोनों भाइयों ने सबसे पहले तो शीला के
शरीर पर ताबड़तोड़ तरीके से
चाकुओं से प्रहार कर दिये और फिर ज्ञान सिंह को
पकड़कर उस पर भी चाकुओं से प्रहार कर
लहुलुहान किया लेकिन किसी तरह से
ज्ञान सिंह अपनी जान बचाकर मौके से भाग
निकला और भागता हुआ शंकरपुर पुलिस चौकी
प्रभारी बृजेश यादव पहुंचा, जहां उसने
पुलिस को मामले की जानकारी
दी तो पुलिस तत्काल शीला के घर
पहुंचे लेकिन तब तक उसकी मौत हो
चुकी थी और घटना को अंजाम देने
वाले उसके दोनों भाई भी घर से फरार हो चुके
थे। बाद में पुलिस ने घायल प्रेमी ज्ञान सिंह
को उपचार के लिये कुठौंद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में
भर्ती कराया जहां से आज उसे जिला
अस्पताल के लिये रैफर कर दिया गया।
दो वर्ष पूर्व मोबाइल पर आयी थी
कॉल
ज्ञान सिंह व शीला के बीच
प्रेम संबंध दो वर्ष पुराने बताये जाते हैं। बताया जाता है
कि दो वर्ष पूर्व नंदकिशोर के मोबाइल पर एक कॉल
आयी थी इसके बाद ज्ञान सिंह
शीला से मिलने उसके गांव शंकरपुर मोटर
साइकिल से पहुंचा और फिर कुछ ही दिनों
के बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध
स्थापित हो गये थे। तभी से अक्सर ज्ञान
सिंह अपनी प्रेमिका के बुलाने पर उसके घर
मिलने पहुंच जाता था और कई-कई दिनों तक रुका रहता
था। बगैर दरवाजा लगे कमरे में लिटाया गया था ज्ञान सिंह को
ग्राम शंकरपुर जो घटना घटित हुयी है
उसकी पटकथा मृतका के भाई वीर
सिंह व कोमल ने मिलकर बना ली
थी लेकिन सही मौका हाथ में
नहीं आ रहा था। इसी दौरान
ज्ञान सिंह तीन दिन पूर्व जब
अपनी प्रेमिका शीला से मिलने
शंकरपुर पहुंचा तो वीर सिंह ने अपने भाई
कोमल जो मुंबई में मेहनत मजदूरी करता था
उसे दे दी तो वह अपने घर आने के लिये
मुंबई से चला और बुधवार को अपने गांव पहुंच गया। दोनों
भाइयों ने एक रणनीति के तहत
ही ज्ञान सिंह को ऐसे कमरे में लिटाया था
जिसमें दरवाजा नहीं थे ताकि उसे
आसानी से आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा जा
सके।
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» बुन्देलखण्ड : प्रेमी के साथ अश्लील संबंध बनाते देखा तो भाई ने दी ऐसी सज़ा, जानकर काँप जाएगी रूह
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