नयी दिल्ली:भाषा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा
कि भारत कालाधन, डर्टी मनी, हवाला या हथियारों और ड्रग्स से संबंधित धन के
अभिशाप से निपटने के लिये स्विटजरलैंड के साथ सहयोग जारी रखने को
प्रतिबद्ध है और इस बारे में कर से जुड़ी जानकारी के स्वत: आदान प्रदान पर
हुए घोषणापत्र की स्विटजरलैंड में आंतरिक प्रक्रिया पूरी होने पर सूचनाएं
स्वत: ही साझा हो सकेंगी ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और
स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस लिउथार्ड ने आज यहां द्विपक्षीय,
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़े विविध विषयों पर व्यापक चर्चा
की, साथ ही कर अपवंचन और कालाधन पर द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा बनाने के
लिये सहयोग बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की । दोनों देशों के बीच रेलवे के
क्षेत्र में तकनीकी सहयोग समेत दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए ।
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने महसूस किया कि भारत और स्विटजरलैंड के
बीच कर चोरी और कालाधन के खिलाफ संघर्ष में काफी अच्छा सहयोग है ।
प्रधानमंत्री ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण
व्यवस्था की सदस्यता के संदर्भ में भारत का समर्थन करने पर स्विटजरलैंड को
धन्यवाद दिया ।
लिउथार्ड ने उम्मीद जाहिर की कि स्विटजरलैंड की संसद इस वर्ष के अंत
तक सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान पर कानून को मंजूरी प्रदान कर देगी ।
मोदी ने लिउथार्ड के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में संबोधन में
कहा कि भौगोलिक प्रसार और निरस्त्रीकरण जैसे विषय भारत और स्विटजरलैंड
दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस संदर्भ में, हम मिसाइल
प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था :एमटीसीआर: में भारत के शामिल होने के लिए
स्विटजरलैंड के समर्थन हेतु बहुत आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि
हमने भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के बीच कारोबार एवं आर्थिक गठजोड़
समझौता पर भी चर्चा की। इस समझौते के प्रावधानों पर पहले ही बातचीत आरंभ हो
चुकी है। यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। ‘‘ दोनों ही पक्षों ने इस
समझौते को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है। आज दुनिया के सामने
वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता चिंता का एक गहन विषय है । चाहे वह कालाधन
हो, डर्टी मनी हो, हवाला हो या हथियारों और ड्रग्स से संबंधित धन हो। इस
वैश्विक अभिशाप से निपटने के लिए स्विट्जरलैंड के साथ हमारा सहयोग जारी
है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल हमने टैक्स से जुड़ी जानकारी के
स्वत: आदान प्रदान के लिए एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इसके
अंतर्गत स्विटजरलैंड में आंतरिक प्रक्रिया पूरी होने पर सूचना हमारे साथ
अपने आप :आटोमेटिक: साझा हो जाएगी।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को
दोनों देशों के आर्थिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण आधार बताते हुए मोदी ने
कहा कि भारत इस संदर्भ में स्विटजरलैंड के निवेशकों का विशेष रूप से स्वागत
करता है। इस संदर्भ में, हम एक नई द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत जारी
रखने की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं।भारत की वृद्धि और विकास में सहभागी बनने
के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनियों के पास अनेक अवसर हैं।
स्विस
राष्ट्रपति के साथ आए स्विटजरलैंड के शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत आपके लिए नया नहीं है, आप पहले
भी कई बार भारत की यात्रा कर चुकी हैं।परन्तु राष्ट्रपति के रूप में आपकी
ये यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब हम भारत की स्वतंत्रता के 70 वर्ष पूरे
होने का उत्सव मना रहे हैं। यह भारत स्विटजरलैंड मित्रता संधि के सात दशक
पूरे होने का भी समय है।हम उम्मीद करते हैं कि आपकी इस यात्रा से आपको उसी
गर्मजोशी, और आतिथ्य का अनुभव होगा जो हमें 2016 में अपनी स्विटजरलैंड
यात्रा के दौरान मिला था । ‘‘ मुझे ये देखकर हार्दिक प्रसन्नता होती है कि
दोनों ही पक्षों की इच्छा सभी स्तरों पर घनिष्ठ संबंध बनाए रखने की है।’
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