रायपुर, 18 जुलाई :भाषा: छत्तीसगढ़ के दक्षिण क्षेत्र बस्तर में
भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने
बारिश और संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के उपायों की समीक्षा की है।
बस्तर संभाग के आयुक्त दिलीप वासनीकर ने आज भाषा को दूरभाष पर बताया
कि बस्तर में पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है जिससे जनजीवन
प्रभावित हुआ है।
वासनीकर ने बताया कि भारी बारिश के कारण
क्षेत्र की प्रमुख नदियां इंद्रावति, सबरी, डंकनी, शंकनी आदि नदियां खतरे
के निशान से ऊपर बह रही हैं। क्षेत्र के निचले स्थानों पर पानी भरने की
सूचना के बाद आपदा प्रबंधन दल को रवाना किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र के बीजापुर जिले में बाढ़ की स्थिति के कारण कुछ गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है।
उन्होंने बताया कि सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि
वे निचले इलाके जहां जलभराव की स्थिति रहती है वहां के लोगों को सुरक्षित
स्थानों पर पहुंचाया जाए तथा उनके लिए राहत कार्य चलाया जाए।
इधर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज
वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य में बारिश और संभावित बाढ़ की स्थिति
से निपटने के उपायों की समीक्षा की। सिंह ने राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग
के अधिकारियों को राजधानी रायपुर में राज्य स्तर और सभी जिलों में जिला
स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे खुला रखने का निर्देश दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग के आयुक्त और बस्तर जिले के
कलेक्टर से फोन पर इलाके में लगातार हो रही बारिश और कुछ नदी-नालों में आयी
बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली। सिंह ने अधिकारियों से कहा कि
राज्य आपदा मोचन बल (एस.डी.आर.एफ.) को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए
तैयार रखा जाए।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले 24 घंटे में बस्तर
जिले में 112 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गयी है। जिले में इंद्रावती,
नारंगी और मारकण्डी नदी सहित अन्य नदी-नालों के जल स्तर पर भी लगातार निगाह
रखी जा रही है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि
उन्होंने जगदलपुर की निचली बस्तियों सहित अन्य क्षेत्रों का मुआयना कर
प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। संभावित
बाढ़ प्रभावितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में खाद्यान्न और जलाऊ लकड़ियों
की पर्याप्त व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ के दौरान प्रभावितों को राहत पहुंचाने के
लिए बस्तर जिले में अस्थायी शिविर के लिए 16 स्थान चिन्हांकित किए गए हैं।
इन शिविरों में बाढ़ प्रभावितों को अस्थायी रूप से रखा जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और अतिवर्षा से उत्पन्न स्थितियों को ध्यान
में रखकर बाढ़ बचाव राहत दल की तैनाती सुनिश्चित की गयी है। कमांडेंट
नगरसेना के मार्गदर्शन में एसडीआरएफ एवं नगरसेना के जवान बाढ़ग्रस्त
क्षेत्रों में जानमाल की सुरक्षा के लिए मुस्तैद किए गए हैं। वर्षा के
दिनों में संपर्क से दूर क्षेत्रों के लोगों को जीवन रक्षक दवाईयां,
खाद्यान्न एवं अन्य सभी आवश्यक वस्तुएं सतत रूप से उपलब्ध होती रहे, इसके
लिए इनका भण्डारण इन क्षेत्रों में अभी से सुनिश्चित किये जाने को कहा गया
है।
स्वास्थ्य विभाग को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
को निर्देश दिया गया है कि वे सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, गांव पंचायतों और
डिपो होल्डरों के पास दवाईयों का पर्याप्त मात्रा में भण्डारण सुनिश्चित
रखें।
बाढ़ खत्म होने के बाद महामारी की आशंका रहती है। इसे ध्यान में रखकर
तत्काल नियंत्रण के अग्रिम उपाय सुनिश्चित कर लिए गए हैं।
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