उरई (जालौन)।पिछले कुछ दिनों से आईटीआई प्रधानाचार्य एमके सिंह के विरुद्ध अवैध वसूली के विरोध में मोर्चा संभालने वाले छात्रों ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुये जनपद के प्रभारी राज्यमंत्री जयकुमार जैकी से प्रधानाचार्य की मनमानी व भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुये कथित भ्रष्टाचार को लेकर पूरी की पूरी दाल ही काली है। ऐसे में यदि प्रधानाचार्य की करतूतों की जांच निष्पक्ष तरीके से होती है तो सारी हकीकत स्वतः ही खुल जायेगी।
जिले के प्रभारी राज्यमंत्री जयकुमार जैकी को दिये गये शिकायती पत्र में बताया कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचारियों को खुली चेतावनी है कि न तो हम खायेंगे और न ही किसी को खाने देंगे। किंतु इस चेतावनी का कोई असर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान उरई के प्रधानाचार्य एमके सिंह पर नहीं है और वह प्रति छात्र नई-नई मदें बनाकर हजारों रुपये की लूट को अंजाम दे रहे हैं। प्रधानाचार्य एमके सिंह के छात्रों से लूट के तुगलकी फरमानों की कोई मुखालफत नहीं कर पा रहा है। कुछ छात्रों ने जिलाधिकारी जालौन स्थान उरई से लिखित शिकायतें भी की। किंतु निवर्तमान जिलाधिकारी रामगणेश तथा संदीप कौर ने कोई जांच नहीं करायी। उल्टे शिकायती छात्रों से प्रधानाचार्य ने इस शिकायत की हिमाकत के लिये 6-6 हजार रुपये की वसूली अलग से कर ली। जिन छात्रों ने यह रकम दी वह उत्तीर्ण हो गये, जिन्होंने नहीं दी उन्हें अनुत्तीर्ण कर दिया गया। इतना ही नहीं एडमीशन में सामान्य छात्रों से 15 सौ रुपये और अनुसूचित जाति छात्रों से 12 सौ रुपये लिया जा रहा है और कोई रसीद भी नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं प्रति सेमेस्टर के नाम पर भी 45 सौ रुपये व 2500 रुपये वसूल किये जा रहे है। यात्री बस पास की नई मद बनाकर प्रति छात्र 120 रुपये माह वसूला जा रहा है। क्लास टीचर के नाम पर छात्रों को 500 रुपये अलग से देना पड़ता है। हाल ही में समस्त छात्रों से सौ रुपये की वसूली पौध रोपण के लिये की गयी और सुबह पौधे लगवाये और शाम को उक्त जमीन पर ट्रैक्टर से जुतवाकर अरहर बो दी गयी। हम आईटीआई उरई के छात्र आईटीआई परिसर में आपातकाल जैसी स्थिति भोगने को विवश हैं और अपने इस उत्पीड़न की शिकायती कथा में अपना नाम खोलना नहीं चाहते हैं। हद तो तब हो गयी जब प्रधानाचार्य ने कथित रूप से फर्नीचर तोड़ने का आरोप छात्रों पर मढ़ दिया और उनसे प्रति छात्र 3 हजार रुपये वसूली का पत्र अपने हस्ताक्षर से जारी कर दिया। उक्त मामले में यदि प्रत्येक छात्र से जिम्मेदार जांच अधिकारी पूंछे तो सभी प्रधानाचार्य द्वारा की गई तथा की जा रही लूट व अत्याचार पर बयान देने को तैयार हैं।
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