नयी दिल्ली:(भाषा) देश को कारोबार सुगमता के लिये तत्परता के साथ सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि यह गरीबी उन्मूलन और लाखों लोगों को बेहतर जीवन देने का एक बेहतर तरीका है। नीति आयोग की रिपोर्ट में यह बात कही गयी है।

‘कारोबार सुगमता: भारतीय राज्यों में उपक्रमों का सर्वेक्षण’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में श्रम सुधारों, कंपनियों के आसानी से प्रवेश और बाहर निकलने तथा लघु एवं बड़े उपक्रमों के लिये समान अवसर पर जोर दिया गया है।

नीति आयोग और आईडीएफसी इंस्टिट्यूट द्वारा तैयार रिपोर्ट आज केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने जारी की।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत को तत्परता से सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि इससे कारोबार करने में काबिलियत तथा इसके कारण होने वाला संपत्ति सृजन तथा उसके उचित एवं बेहतर तरीके से पुनर्वितरण के जरिये लाखों भारतीयों को बेहतर जीवन देने और उन्हें गरीबी से बाहर निकालने के लिये एक मौका बना हुआ है।’’ श्रम सुधारों का जिक्र करते हुए इसमें कहा गया है कि श्रम कानूनों में सुधार तथा उसके क्रियान्वयन में लचीलापन कारोबार सुगमता बढ़ाने में काफी मददगार हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार वास्तविकता यह है कि श्रम गहन क्षेत्र के उपक्रमों को पूंजी गहन कंपनियों के मुकाबले अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह इस क्षेत्र में आगे और सुधार को रेखांकित करता है।

इसके अनुसार सर्वे यह बताता है कि करीब 50 प्रतिशत उपक्रम वित्तीय संस्थानों से कर्ज नहीं लेते और करीब एक तिहाई की वित्त तक पहुंच नहीं है और यह देश में कंपनियों के लिये प्रमुख बाधाओं में से एक है।

नीति आयोग के अनुसार, ‘‘यह कंपनियों के लिये सस्ती पूंजी तक पहुंच बढ़ाने का सुझाव देता है। यह खासकर बिहार जैसे गरीब राज्यों में व्यापार माहौल में सुधार के लिये एक महत्वपूर्ण जरिया हो सकता है।’’ रिपोर्ट के अनुसार दहाई अंक में आर्थिक वृद्धि क्लब में शामिल होने के लिये भारत को निरंतर व्यापार माहौल को दुरुस्त करने और सुधार की जरूरत होगी।

इस मौके पर निर्मला ने कहा कि रिपोर्ट ‘सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान’ देने जा रही है जैसा अरविंद पनगढ़िया ने किया है।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम रूपांतरण के दौर से गुजर रहे हैं और सरकार का व्यापार सुगमता पर पूरा जोर है ताकि भारत विनिर्माण केंद्र बन सके।’’ प्रसाद ने रेखांकित किया कि भारत पिछले तीन साल में काफी रूपांतरण लाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन साल में 95 मोबाइल विनिर्माण इकाइयां भारत में आयीं। इसमें 45 विनिर्माण संयंत्र तथा 49 संयंत्र मोबाइल उपकरण बना रहे हैं...नोएडा और ग्रेटर नोएडा मोबाइल विनिर्माण के लिये बड़ा केंद्र बन रहे हैं।’’ प्रसाद ने कहा, ‘‘भारत नवप्रवर्तन का देश बन सकता है...दूरदराज क्षेत्रों में जो डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार हो रहा है, वह उल्लेखनीय है।’’

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