रिपोर्ट अशोक श्रीवास्तव
अमेठी : गांवों को खुले में शौच मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है परंतु मंडल ने महज एक गांव का अभी तक सत्यापन कर ओडीएफ गांव घोषित किया है जबकि, जिला प्रशासन ने चार दर्जन से अधिक गांवों को खुले में शौचमुक्त बना चुका है।
जिले के गांवों को साफ-सुथरा रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांवों में सरकारी अनुदान से लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। जिला प्रशासन ने अब तक चार दर्जन से अधिक गांवों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है। परंतु मंडल ने इस दावे को गहरी चोट पहुंचाई है। जबकि, केंद्र सरकार ने अभी तक इस ओर कोई पहल नहीं की है। जिले की ब्लाक स्तर से 50 गांवों को खुले में शौच मुक्त करने के लिए सत्यापित रिपोर्ट जिले को भेजा गया है। इन गांवों से जिले को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण ने लगभग चार दर्जन से अधिक गांवों को सत्यापित कर मंडल को रिपोर्ट भेजा है। वहीं मंडल ने 19 गांव की अपेक्षा महज एक गांव का ही सत्यापन कर खुले में शौचमुक्त गांव घोषित किया है। जबकि, अभी हाल ही में मंडल में 11 गांवों का सत्यापन कराया गया है। इसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आ सकी है। मंडल से रिपोर्ट आने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। वहां से स्थायी रूप से सत्यापन टीम भेजकर गांवों की जांच कराने के बाद ही उन्हें खुले में शौचमुक्त गांव घोषित किया जा सकेगा। इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह ने बताया कि गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए अभियान तेज गति से चलाया जा रहा है।
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