अशोक श्रीवास्तव अमेठी 


अमेठी। समाजवादी पार्टी ने सत्ता में अपनी हनक के चलते अमेठी मे अपना परचम लहराया और अमेठी,संग्रामपुर भादर,भेटुआ मे पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद के रसूख के चलते प्रमुख भादर अखिलेश यादव,संग्रामपुर जियालाल कोरी,अमेठी परशुराम आदि का निर्विरोध निर्वाचन हुआ।   बी डी सी सदस्यो को भी संतुष्ट करने का भरपूर् प्रयास किया गया.  आखिरकार समाजवादी सरकार प्रदेश मे अपदस्थ हुई और सूबे में फरवरी 2017 मे भाजपा की सरकार बन बैठी।
वर्ष 2015 मे पंचायत निर्वाचन के बाद सत्ता सुख समाजवादियो ने भोगा।  लोहिया समग्र,जनेश्वर मिश्र समग्र ग्रामो मे कई अरब रूपये पानी की तरह बहाये गये लेकिन ताज्जुब कि क्षेत्र पंचायत समिति  कार्यालय अमेठी पर 2010 के ही पंचायत प्रतिनिधियो का नाम आज भी अकिंत है।
अमेठी क्षेत्र पंचायत समिति मे निवर्तमान प्रमुख रश्मि सिंह दो मतो से अपदस्थ हुई।कार्यवाहक प्रमुख अमरेन्द्र सिंह हुए। उसके बाद हुये उप निर्वाचन में प्रमुख के पद पर अंजनी सिंह ने रश्मि सिंह को पराजित कर अमेठी प्रमुख बने लेकिन पद सम्भालने वाले पूर्व सासंद रवीन्द्र सिंह के पुत्र अंजनी सिंह का नाम  फिर भेर क्षेत्र पंचायत अमेठी मे अकिंत नहीँ हुआ और  उनका भी कार्यकाल बीत गया।
पंचायत निर्वाचन 2015  मे प्रमुख पद पर निर्विरोध परशुराम कोरी निर्वाचित हुए. अमेठी क्षेत्र पंचायत में प्रमुख का पद तीन वर्ष बीतने जा रहा है लेकिन अभी भी वर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य,प्रमुख का नाम ब्लाक परिसर मे कही दर्ज नहीं हुआ। यही हाल अन्य ब्लाको का रहा है।
क्षेत्र पंचायत समिति भादर के प्रमुख अखिलेश है जिनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कृष्ण कुमार ने लाने का प्रयास किया लेकिन प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के सहारे अविश्वास प्रस्ताव को पारित होने के पहले पटकनी दे दी इससे जाहिर है कि बी डी सी सदस्यो मे असंतोष है।

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